यहाँ पर बिना पानी के भटक जाने का मतलब सिर्फ मौत है.
.यहां इंसान तो क्या पेड़-पौधों का जिंदा रहना भी मुमकिन नही है
धरती पर एक ऐसी जगह है जो, बिल्कुल मंगल की सतह जैसी है
वही बंजर लाल रंग की रेत, सूखी हुई पहाड़ियाँ, सूखे हुए गड्ढे
करोड़ों सालों से लगातार पड़ने वाला कठोर सूखा
अंतर सिर्फ इतना है कि, यहां पर साँस लेने के लिए हवा और वायुमंडल मौजूद है.
“
डानाकिल डिप्रेशन”
दुनिया की सबसे गर्म, सबसे सूखी और धरती पर सबसे नीचली जगह है.